Saurabh Patel

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Jun-2022 कला


तुझे कैसे हासिल हुई ये मुकर जाने की कला
वक्त से सीख ली क्या तुमने गुजर जाने की कला

तुमसे ही सीखे कोई जुल्फो से काम लेने की कला
उन आंखों से हर शाम नशीले जाम पिलाने की कला

तू जा चुकी है तो अब दिखा वापस लौट आने की कला
भूल जा पुरानी रंजिशे,दिखा दे बड़े दिल होने की कला

तेरे साथ रहकर ही सीखे है ये ख़ामोश रहने की कला
यूंही हमें हासिल नहीं है आज ये गज़ले कहने की कला

हुनर के नाम पर आती है बस हमे ये लिखने की कला
हम अभी सीखे नही है आंखों से बात करने की कला।

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18 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-Jun-2022 11:55 AM

बहुत खूबसूरत

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Saurabh Patel

22-Jun-2022 05:22 PM

जी बहुत शुक्रिया आपका

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Pallavi

19-Jun-2022 09:40 AM

Nice post 😊

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Saurabh Patel

19-Jun-2022 03:11 PM

Thank you

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Punam verma

19-Jun-2022 08:15 AM

Nice

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Saurabh Patel

19-Jun-2022 03:11 PM

Thank you

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